बात बस रौशनी की ही है.....,
अपने अन्दर जगते ही, दुनिया रोशन हो जाती हैं।
.....अन् तेव्हा थकवा ही थांबवू शकत नाही, अथांग प्रयत्नांना...
...फक्त प्रामाणिक कर्तव्य... आणि कृतज्ञता...
हारा फिर भी ना गिरा
धोखे कई, झुका नहीं
मेहनत सही, रुका नहीं
चल रहा समय
ढल रहा तनय ।
साथ, बात,
सुबह, रात ।
सुना, कहा
माना, मनवाया
सुख-दुःख, हरपल
एहसास एक, समतल
एहसास बस समतल*
* समतल वि॰ [सं॰] जिसका तल सम हो, ऊबड़ खाबड़ न हो । जिसकी सतह बराबर हो ।
(तल - मन की गहराई के अर्थ के रूप में)
Don't compromise with your morality, it will leads you towards Inner Peace.
This morality & inner peace will help you to become Pure.
Past पिछा नहीं छोड़ता
Future हाथ नहीं आता
Present में रह नहीं पाता
मन है यह चंचल मन
अपना वजूद ही नहीं जानता