The Colourful Waves of Harshita's Arts
कोशिश हजार हुई हमें रोकने की मगर,
वह कलम ही थी जो की जंजीरों मे जकड़े पांव काटकर,
सुनहरी रोशनी की ओर बढने मे सहारा बनी....
वर्ना अपने ही अज्ञानता की ये जंजीरें...
न जाने किस जंजाल मे फसाकर हमें कंकाल बना देती...
- © हर्षिता
Nice
बहुत ही अच्छा संदेश साधुवाद
जंजीरें..... अज्ञानता की.....!!!??? 🏵️Very true 🏵️👌🏼 हक़ीक़त ज़िन्दगी की...🙏🏼🙏🏼🙏🏼
खूप छान.......
छान लिहिले आहे... Good
Nice
ReplyDeleteबहुत ही अच्छा संदेश
ReplyDeleteसाधुवाद
बहुत ही अच्छा संदेश
ReplyDeleteसाधुवाद
जंजीरें..... अज्ञानता की.....!!!??? 🏵️
ReplyDeleteVery true 🏵️👌🏼 हक़ीक़त ज़िन्दगी की...🙏🏼🙏🏼🙏🏼
Nice
ReplyDeleteखूप छान.......
ReplyDeleteछान लिहिले आहे... Good
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