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Monday, 24 August 2020

जंजीरें.... अज्ञानता की.....!!!???

कोशिश हजार हुई हमें रोकने की मगर,

वह कलम ही थी जो की जंजीरों मे जकड़े पांव काटकर, 

सुनहरी रोशनी की ओर बढने मे सहारा बनी....

वर्ना अपने ही अज्ञानता की ये जंजीरें... 

न जाने किस जंजाल मे फसाकर हमें कंकाल बना देती...

- © हर्षिता 

7 comments:

  1. बहुत ही अच्छा संदेश
    साधुवाद

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  2. बहुत ही अच्छा संदेश
    साधुवाद

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  3. जंजीरें..... अज्ञानता की.....!!!??? 🏵️
    Very true 🏵️👌🏼 हक़ीक़त ज़िन्दगी की...🙏🏼🙏🏼🙏🏼

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  4. छान लिहिले आहे... Good

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