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Sunday, 23 August 2020

ये जिंदगी यही समेट लो !

 
लिखो वह जिंदगी,
जो सीखीं हो अनुभवों से

पढ़ो वह सीख,
जो लिखी हो, अनुभवों कि जिंदगी से

आसान हैं जिंदगी,
थोड़ी रोशनी जगा लो

खोल दो दरवाजे
और हँसते हुये, जिंदगी के पास आ जाओ

खोल दो बाहें,
और जिंदगी को गले लगा लो

चलो सही राह पर,
और जिंदगी के राही बन जाओ

मन को पकड़ लो
और मन के मालिक बन जाओ

ध्यान से ध्यान करों
और खुद में सारा जहाँ देख लो

बिखरी जिंदगी छुपी हैं यही
उसे यही समेट लो

ये जिंदगी यही समेट लो !

- © हर्षिता 

 


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