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Wednesday, 7 October 2020

देते रहो


मिला है 
तो देते भी रहो
मिलता रहेगा 
जब देते रहोगे

हक है, देने का भी 
गर चाहते हो लेने का
फर्ज है, देना यारों 
यह कर्ज है चुकाने का

जिंदगी मिली है यारो
लेन-देन के हिसाब के लिए  
चाहे कुछ लो या ना लो 
देते रहो, सुकून से मरने के लिए 
                                                   - © हर्षिता

6 comments:

  1. Nice written harshita keep it up

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  2. बहुत खूब हर्षिता जी, लेना और देना जिंदगी है, मङ्गल हो

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  3. PayBack to the Society ☸️😊👌

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  4. Very true, dena walo ko hi milta hai

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