"आज दिए की लौ
से बात हुयी,
कह रही थी, जलते हुए,
'अँधेरा चाहे दुनिया का हो,
या अपना,
खुद को जलाये बिना,
अँधेरा मिटता नहीं,
और रोशनी यूँही मिलती नहीं'
- © हर्षिता
अतिशय सुंदर
ReplyDeleteThe best One ☸️🌷
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