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Tuesday, 1 September 2020

इमोशंस और मन

 

कुछ इमोशंस हम हॅन्डल नहीं कर सकते,
कुछ इमोशनली हॅन्डल नही हो पाता,
सारा खेल इन इमोशंस का हैं,
जो बस मन में ही खेला जाता है।
और साला यह पागल मन,
हमेशा इमोशंस में बह जाता है ।

 - © हर्षिता 

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