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Monday, 18 January 2021

प्यास

 हमने गम और खुशी के आसुओं को

ज़िंदगी के पानी में घोलकर पी लिया 

पूरा घड़ा खाली हो गया 

मगर इस दिल के अरमानों की प्यास न बुझी 

- © हर्षिता

- 6 Jan 2015 



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