जिंदगी खुबसूरत बन रही हैं,
अंधेरे से प्रकाश की और जा रही हैं
अज्ञान की गुत्थी सुलझ रही हैं
सत्य का दर्शन हो रहा हैं
भटके हुए चंचल मन को,
सुनहरी रोशनी से भरा मार्ग मिला
बनते वक्त हो रहे घावों को,
ममता से भरा मरहम मिला,
ये सब हो रहा हैं आपकी वजह से,
हमें और हमारे जैसे असंख्यों को,
आपका मार्गदर्शन, प्रेम, आपकी ममता, मैत्री
आगे भी हमेशा मिलती रहे ।
- © हर्षिता
Nice words about Guru
ReplyDeleteNice words
ReplyDeleteबहुत ही अच्छा, बहुत खूब
ReplyDeleteमंगलमैत्री